यदि आप बार-बार जीवन में रुकावटें, असफलता, आर्थिक संकट या मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं, तो यह संभव है कि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष मौजूद हो। यह एक ऐसा दोष है जो राहु और केतु के बीच अन्य सभी ग्रहों के आ जाने से बनता है और जीवन में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न करता है।
भारत में कई स्थानों पर कालसर्प दोष की शांति करवाई जाती है, लेकिन उज्जैन को इस पूजा के लिए सबसे शक्तिशाली और फलदायी स्थान माना गया है। कारण है यहां स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, शिप्रा नदी, सिद्धवट घाट और प्राचीन पूजा पद्धतियाँ।
आपके मन में सवाल होगा कि “उज्जैन में कालसर्प दोष की पूजा कब होती है” — तो इसका उत्तर आपको इस लेख में विस्तार से मिलेगा।
शुभ दिन: उज्जैन में कालसर्प दोष की पूजा के लिए सबसे अच्छे दिन
कालसर्प दोष की पूजा उज्जैन (kaal sarp dosh puja in ujjain) में विशेष तिथियों पर की जाती है, जब उसका असर सबसे अधिक होता है। ये दिन न केवल पौराणिक दृष्टिकोण से शक्तिशाली होते हैं बल्कि ग्रहों की स्थिति भी उस समय विशेष ऊर्जा प्रदान करती है।
नागपंचमी
नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा का महत्व अत्यंत अधिक होता है। यह दिन कालसर्प दोष के निवारण के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
अमावस्या
अमावस्या विशेषकर माघ, वैशाख, श्रावण और आश्विन मास में आती अमावस्या पर कालसर्प दोष पूजा करना अति फलदायक होता है। इन दिनों पितरों और ग्रह दोषों का शमन करने का विशेष योग बनता है।
मासिक शिवरात्रि
हर महीने आने वाली शिवरात्रि की रात को रुद्राभिषेक व महामृत्युंजय मंत्र जाप के साथ कालसर्प दोष पूजा करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
ग्रहण व गोचर: कालसर्प दोष पूजा के और शक्तिशाली अवसर
सूर्य व चंद्र ग्रहण
ग्रहण के समय पूजा करना कालसर्प दोष को तुरंत शमन करने का एक अत्यंत शक्तिशाली माध्यम है। ग्रहों की स्थिति उस समय असाधारण होती है, जिससे पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
राहु–केतु गोचर
राहु और केतु जब अपनी राशि बदलते हैं, उस समय पूजा करने से दोष का प्रभाव क्षीण हो जाता है। ऐसे अवसरों पर उज्जैन में विशेष पूजा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
उज्जैन में पूजा का समय और प्रक्रिया
पूजा प्रायः प्रातःकाल में शुरू होती है, जब वातावरण सबसे शांत और सकारात्मक होता है। उज्जैन में पंडित लोग कुंडली देखकर विशेष मुहूर्त निकालते हैं, जैसे कि 28 जुलाई, 21 सितंबर, 31 अक्टूबर आदि तिथियाँ, जब कालसर्प पूजा का प्रभाव सबसे अधिक होता है।
पूरी पूजा में लगभग 2 से 3 घंटे का समय लगता है जिसमें निम्न विधियाँ शामिल होती हैं:
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पवित्र स्नान और संकल्प
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गणेश, नवग्रह और नाग पूजन
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पंचामृत अभिषेक और रुद्राभिषेक
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महामृत्युंजय मंत्र जाप, नाग मंत्र जप और हवन
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दान और दक्षिणा के साथ समापन
इस प्रक्रिया में मन, शरीर और आत्मा तीनों का शुद्धिकरण होता है।
उज्जैन के प्रमुख पूजा स्थल
रामघाट
शिप्रा नदी के तट पर स्थित यह स्थान प्रारंभिक पूजा और स्नान के लिए उपयुक्त है।
सिद्धवट घाट
यहां का वटवृक्ष और शांत वातावरण पूजा के लिए अत्यधिक प्रभावी माना जाता है।
अंगारेश्वर महादेव
यह मंदिर स्वयंभू शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है और यहां विशेष रूप से कालसर्प दोष की शांति हेतु पूजा की जाती है।
पूजा का खर्च और बुकिंग
उज्जैन में कालसर्प दोष की पूजा कब होती है, यह जानने के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि इसकी बुकिंग और खर्च की जानकारी हो।
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सामान्य पूजा: ₹2,100 से ₹3,500 तक
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विशेष पैकेज (हवन, भोजन, स्थान आरक्षण सहित): ₹11,000 से ₹28,000 तक
आप पंडित अतुल अग्निहोत्री, दीपक व्यास, विजय जोशी आदि से ऑनलाइन या फोन पर बुकिंग कर सकते हैं।
लाभ: पूजा के बाद क्या मिलता है?
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जीवन में बार-बार आ रही रुकावटें दूर होती हैं
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स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में राहत
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नौकरी, विवाह और करियर में सफलता की संभावनाएं बढ़ती हैं
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मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन प्राप्त होता है
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पारिवारिक जीवन में समरसता लौटती है
FAQ – आपके सवाल, हमारे जवाब
1. पूजा कितने समय की होती है?
उत्तर: लगभग 2 से 3 घंटे।
2. क्या उपवास करना आवश्यक है?
उत्तर: शुद्धता बनाए रखने के लिए फलाहार या उपवास करना शुभ होता है।
3. बिना ग्रहण काल के पूजा कर सकते हैं?
उत्तर: हां, नागपंचमी, अमावस्या और शिवरात्रि जैसे शुभ दिनों पर भी पूजा की जा सकती है।
4. ऑनलाइन बुकिंग संभव है?
उत्तर: जी हां, कई पंडित ऑनलाइन पूजा और वीडियो कॉल के माध्यम से भी सेवा प्रदान करते हैं।
5. पूजा में कौन-कौन सी सामग्री होती है?
उत्तर: नाग मूर्ति, रुद्राक्ष, दूध, पंचामृत, काले धागे, नारियल, पुष्प, पूजा थाली आदि।
निष्कर्ष
अब आप जान चुके हैं कि “उज्जैन में कालसर्प दोष की पूजा कब होती है” और इसे करने के लिए कौन-से दिन, स्थान और मुहूर्त श्रेष्ठ माने जाते हैं। यह पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आपकी जीवनशैली को सकारात्मक मोड़ देने वाला उपाय है।
यदि आप भी अपने जीवन में बाधाएं महसूस कर रहे हैं, तो अब और प्रतीक्षा न करें। उज्जैन के किसी योग्य पंडित से संपर्क कर अपना मुहूर्त तय करें और अपने जीवन को सुख, समृद्धि और शांति की ओर ले जाएँ।