what is a Ghat marriage

घट विवाह क्या होता है? मांगलिक दोष निवारण की एक प्राचीन वैदिक परंपरा

परिचय

अगर आपकी कुंडली में मांगलिक दोष है और विवाह में बार-बार अड़चनें आ रही हैं, तो “घट विवाह” एक वैदिक उपाय के रूप में सामने आता है। यह एक ऐसा धार्मिक अनुष्ठान है, जो विशेष रूप से मांगलिक जातकों के लिए किया जाता है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में विवाह से पहले दोष निवारण की अनेक परंपराएं हैं, और घट विवाह उनमें से एक शक्तिशाली विधि मानी जाती है।

मांगलिक दोष के कारण अक्सर शादी में देरी, वैवाहिक जीवन में कलह या तलाक की नौबत आ जाती है। ऐसे में घट विवाह व्यक्ति को इन दुष्प्रभावों से बचाने के लिए किया जाता है।

घट विवाह क्या होता है?

घट विवाह (जिसे कलश विवाह या कुम्भ विवाह भी कहा जाता है) एक वैदिक उपाय है जिसमें मांगलिक जातक का विवाह प्रतीकात्मक रूप से एक “घट” यानी मिट्टी के कलश से कराया जाता है। इस घट में गंगाजल, आम के पत्ते, नारियल, सुपारी और पंचामृत जैसे पवित्र तत्व होते हैं।

यह विवाह वास्तविक नहीं होता, बल्कि एक आध्यात्मिक और ज्योतिषीय प्रक्रिया होती है। इसे करने का उद्देश्य यह होता है कि मांगलिक दोष के कारण जो वैवाहिक संकट बन रहे हैं, वे पहले घट के साथ विवाह में समाप्त हो जाएं। उसके बाद असली विवाह बिना बाधा के संपन्न होता है।

घट विवाह की प्रक्रिया

घट विवाह एक विशेष मुहूर्त में, योग्य ब्राह्मण द्वारा किया जाता है। इसमें जातक को विवाह योग्य वेशभूषा में बैठाकर पूर्ण वैदिक मंत्रों के साथ विवाह की सारी रस्में कराई जाती हैं। इस विवाह में वर या वधू के स्थान पर कलश रखा जाता है।

विधि-विधान में शामिल हैं:

  • संकल्प

  • गणेश पूजन

  • नवग्रह शांति

  • घट स्थापना

  • वरमाला

  • फेरों की रस्म

कार्यक्रम के अंत में उस घट को बहते जल में प्रवाहित कर दिया जाता है या किसी पवित्र स्थान में छोड़ दिया जाता है।

घट विवाह क्यों किया जाता है?

जब कुंडली में मंगल दोष होता है, तो विवाह में विभिन्न प्रकार की बाधाएं आती हैं। यह दोष सातवें, आठवें, बारहवें, पहले या चौथे भाव में मंगल के स्थित होने से बनता है। खासकर कन्याओं की कुंडली में यह दोष होने पर विवाह में बड़ी समस्याएं आती हैं।

घट विवाह, इन दुष्प्रभावों को समाप्त करने का धार्मिक तरीका है। इस अनुष्ठान से मांगलिक दोष का प्रभाव घटता है और जातक को वैवाहिक जीवन में स्थिरता, प्रेम और सुख की प्राप्ति होती है।

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कुछ विशेष मामलों में कुंडली दोष जैसे कालसर्प दोष, पितृ दोष या शनि दोष से प्रभावित जातकों के लिए भी घट विवाह किया जाता है।

घट विवाह के लाभ

  1. मांगलिक दोष का समाधान: यह अनुष्ठान कुंडली से मंगल के अशुभ प्रभाव को शांत करता है।

  2. विवाह में आ रही अड़चनों का समाधान: घट विवाह करने के बाद विवाह बिना अड़चन के सम्पन्न होता है।

  3. वैवाहिक जीवन में स्थिरता: यह प्रक्रिया वैवाहिक जीवन को शांतिपूर्ण और सकारात्मक बनाती है।

  4. आध्यात्मिक शुद्धि: यह अनुष्ठान मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी जातक को संतुलन देता है।

घट विवाह कहाँ और कैसे करवाएं?

भारत में कई पवित्र स्थलों पर घट विवाह कराया जाता है, जैसे:

  • उज्जैन (महाकाल नगरी)

  • काशी (वाराणसी)

  • त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र)

  • नासिक

  • हरिद्वार

यह कार्य केवल योग्य और अनुभवी ब्राह्मणों द्वारा ही कराया जाना चाहिए जो वैदिक विधि को अच्छी तरह समझते हों। आप चाहें तो पहले से बुकिंग करवा सकते हैं और विशेष पूजा सामग्री के साथ वहां जाकर यह कर्म करवा सकते हैं।

घट विवाह से जुड़े मिथक और सच्चाई

मिथक: घट विवाह एक सामाजिक विवाह होता है।
सच्चाई: यह केवल धार्मिक उपाय है, जो प्रतीकात्मक होता है। इसका कोई सामाजिक या कानूनी दर्जा नहीं होता।

मिथक: घट विवाह के बाद दोबारा विवाह करना अशुभ होता है।
सच्चाई: इसके बाद किया गया असली विवाह अधिक शुभ और स्थायी माना जाता है।

वैदिक परंपरा में घट विवाह का स्थान

वेदों और पुराणों में मांगलिक दोष और उसके निवारण के कई उपाय बताए गए हैं। घट विवाह उनमें से एक सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली उपाय है। यह केवल एक कर्मकांड नहीं, बल्कि संपूर्ण आध्यात्मिक प्रक्रिया है। इसका उद्देश्य केवल दोष निवारण नहीं बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन प्राप्त करना भी है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. घट विवाह किसके लिए आवश्यक होता है?
जिनकी कुंडली में मांगलिक दोष, कालसर्प दोष, या विवाह में देरी के योग हों उनके लिए यह आवश्यक होता है।

2. क्या घट विवाह पुरुषों के लिए भी होता है?
हाँ, यह अनुष्ठान स्त्री और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से किया जा सकता है।

3. क्या घट विवाह के बाद असली विवाह में कोई बाधा आती है?
नहीं, बल्कि यह प्रक्रिया आने वाली बाधाओं को दूर करती है।

4. क्या घट विवाह कानूनी रूप से मान्य है?
नहीं, यह एक धार्मिक और ज्योतिषीय उपाय है, इसका कोई कानूनी प्रभाव नहीं होता।

5. क्या घट विवाह के बाद मांगलिक दोष पूरी तरह समाप्त हो जाता है?
हां, धार्मिक मान्यता के अनुसार इसका प्रभाव काफी हद तक समाप्त हो जाता है।

निष्कर्ष

अगर आप मांगलिक दोष के कारण विवाह में परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो घट विवाह आपके लिए एक मजबूत और सकारात्मक उपाय हो सकता है। यह न सिर्फ वैवाहिक जीवन को शुभ बनाता है बल्कि मानसिक रूप से भी शांति और संतुलन प्रदान करता है। वैदिक परंपरा के अनुसार यह अनुष्ठान मांगलिक दोष को शुद्ध कर, आपके जीवन में खुशहाली और प्रेम का मार्ग प्रशस्त करता है।

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